6. जनतंत्र का जन्म VVI QUESTION CLASS 10TH HINDI | CLASS 10TH HINDI SUBJECTIVE QUESTION PDF DOWNLOAD

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प्रश्न 1. कविता के आरंभ में कवि भारतीय जनता का वर्णन किस रूप में करता है?

उत्तर कविता के आरंभ में कवि ने भारतीय जनता की दयनीय दशा का वर्णन किया है। कवि ने इन्हें मिट्टी की अबोध मूर्ति कहकर यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि ये लोग अनेक प्रकार की शारीरिक-मानसिक यातनाओं को सहते हुए मौन रहते थे। वे अपनी पीड़ा किसी के समक्ष प्रकट करने में पूर्ण असमर्थ थे। उनका जीवन नारकीय था। वे शोषित-पीड़ित तथा उपेक्षित थे। उनमें इतनी शक्ति नहीं थी कि वे मन की पीड़ा मुँह खोल प्रकट कर सकें।


प्रश्न 2. कवि के अनुसार किन लोगों की दृष्टि में जनता फूल या दुधमुंही बच्ची की तरह है और क्यों ? कवि क्या कहकर उनका प्रतिवाद करता है?

उत्तर-कवि के अनुसार सत्ताभोगियों की दृष्टि में जनता फूल-सी दूधमुंही बच्ची की तरह है, क्योंकि उनकी सोच है कि जनता भोली-भाली होती है, उसे सत्ता की जानकारी नहीं होती। वह परिश्रम करना तथा पेट भरना जानती है। ऐसी स्थिति में उन्हें कुछ देकर या कुछ आश्वासन देकर स्वार्थ सिद्ध किया जा सकता है। ‘साम दाम दंड भेद’ का प्रयोगकर जनता को चुप रखा जा सकता है, क्योंकि गरीब जनता कष्ट-सहिष्णु एवं धैर्यवान होती है, वह अपनी विवशता के कारण संयम में रहना चाहती है, लेकिन कवि इस तर्क के विरुद्ध अपना विचार प्रकट करता है कि जब जनता असलियत को जान जाती है तब वह विरोध में उठ खड़ी होती है, तब सत्ता का सिंहासन हिल उठता है। भयानक तूफान आ जाता है। इन निरीहों के क्रोध की ज्वाला इतनी प्रखर होती है कि सत्ताधारियों की सारी शक्ति जलकर राख बन जाती है। अतः कवि के कहने का आशय है कि समूह के समक्ष महान-से-महान शक्ति मूल्यहीन हो जाता है। इसीलिए एक अंग्रेजी कवि ने कहा है-“चींटी भी जब संगठित हो जाती हैं तो शेर की खाल उतार सकती हैं।”


प्रश्न 3. कवि जनता के स्वज का चित्र किस तरह खींचता है?

उत्तर-कवि जनता के अजय स्वप्न का चित्र खींचता है, जिसमें जनतंत्र के उदय का जयघोष है। कवि का कहना है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जब जनतांत्रिक शासन पद्धति की स्थापना होगी तो शासन की शक्ति जनता में निहित हो जाएगी। जनता अपना शासन स्वयं करेगी। जनतंत्र जनमत आधारित होता है। इस पद्धति में हर व्यक्ति की शासन में साझेदारी होती है। अतः जब कोई प्रतिनिधि सरकार जनता के हित की उपेक्षा करती है तो जनता अपने मत का प्रयोग करके उसे सत्ताच्युत कर देती है। तात्पर्य यह कि जनतांत्रिक पद्धति में सत्ता की असली शक्ति जनता के हाथ होती है




प्रश्न 4. कवि की दृष्टि में आज के देवता कौन हैं और वे कहाँ मिलेंगे?

उत्तर–कवि की दृष्टि में आज के देवता सड़कों, खेतों, खलिहानों तथा कारखानों में काम करने वाले मेहनतकश हैं, जिनके प्रयास से देश का आर्थिक विकास होता है नेता, अधिकारी या पदाधिकारी इन्हीं की मेहनत पर निर्भर करते हैं। कवि का मानना है कि कोई तभी समृद्ध हो सकता है जब उसके पास विशाल जनशक्ति होती है। तात्पर्य कि मजदूर एवं किसान ही देश की रीढ़ हैं। इसलिए कवि इन्हें देवता कहता है।


प्रश्न 5. कविता का मूल भाव क्या है ? संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर कविता का मूल भाव जनतंत्र की स्थापना है। कवि इस शासन पद्धति के माध्यम से शोषक-शोषित के भेद को मिटाना चाहता है। क्योंकि इस व्यवस्था में शासन करने की शक्ति जनता के हाथ आ जाती है। फलतः सत्ता की मनमानी बन्द हो जाती है। इसमें संविधान द्वारा कुछ शक्तियाँ जनता को प्रदान की जाती है। इन शक्तियों का उपयोग जनता समान रूप में करती है। तात्पर्य कि जनता स्वयं ही सिंहासन पर आरूढ़ होती है और समान रूप में सबको कमाने, जीवन जीने तथा अपनी समस्या प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है। नीच-ऊँच, शोषित-शोषक, गरीब-अमीर सबकी शासन में भागेदारी होती है।

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