प्रश्न 1. जैव विविधता क्या है?
उत्तर-जैव विविधता या जीव भिन्नता पृथ्वी पर पाई जाने वाली विविध प्रकार की उन जैवीय प्रजातियों को कहते हैं जो अपने-अपने प्राकृतिक आवास क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इसमें पेड़-पौधे, सूक्ष्म जीव, पशु-पक्षी आदि सभी प्राणी सम्मिलित हैं
प्रश्न 2. जनन प्रक्रम में सबसे महत्त्वपूर्ण परिणाम क्या है?
उत्तर-जनन प्रक्रम में सबसे महत्त्वपूर्ण संतति के जीवों के समान प्रारूप होते हैं। आनुवंशिकता के नियम पर आधारित उनमें विभिन्न लक्षण वंशागत होते हैं।
प्रश्न 3. मानवों में लक्षणों की वंशागति किस बात पर आधारित होती है?
उत्तर—मानवों में लक्षणों की वंशागति इस बात पर आधारित होती है कि माता-पिता दोनों अपनी संतान में समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ को स्थानांतरित
कहते हैं। संतान का प्रत्येक लक्षण पिता या माता के DNA से प्रभावित होता है।
प्रश्न 4. विविधता क्या है।
उत्तर-समान माता-पिता और एक ही जाति से संबंधित होकर भी उनके बच्चों में बुद्धिमत्ता, रंग-रूप, शक्ल-सूरत और गुणों में अंतर पाया जाता है। इसी को विविधता कहते हैं।
प्रश्न 5. यदि एक लक्षण (trait) A अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10% सदस्यों में पाया जाता है तथा B उसी समष्टि में 90% जीवों में पाया जाता है, तो कौन सा लक्षण पहले उत्पन्न और क्यों?
उत्तर-लक्षण (B) पहले उत्पन्न होगा क्योंकि यह समष्टि 90% के जीवों में पाया जाता है। चूँकि जीव अलैंगिक प्रजनन करते हैं तो वह लक्षण जो 90% समष्टि में है वह पहले प्रकट होगा।
प्रश्न 6. जैव विविधता के विभिन्न स्तर कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-जैव विविधता के विभिन्न स्तर निम्न हैं.
(i) आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity)
(ii) प्रजाति विविधता (Species Diversity)
(iii) परिस्थितिगत विविधता (Ecosystem Diversity)
प्रश्न 7. मेंडल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं?
उत्तर-मेंडल ने दो विभिन्न विकल्पों, लक्षणों वाले मटर के पौधों का चयन कर उनसे पौधे उगाए गए थे। लंबे पौधे तथा बौने पौधे का संकरण कराकर प्राप्त संतति में लंबे एवं बौने पौधों की गणना की। प्रथम संतति पीढ़ी (F) में कोई पौधा बीच की ऊँचाई का नहीं था। सभी पौधे लंबे थे। दो लक्षणों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई दिया था लेकिन दूसरी पीढ़ी (F) में सभी पौधे लंबे नहीं थे बल्कि
उनमें से एक चौथाई बौने पौधे थे। इससे स्पष्ट हुआ कि किसी भी लक्षण के दो विकल्प लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न होने वाले जीवों में किसी भी लक्षण के दो विकल्प की स्वतंत्र रूप से वंशानुगति होती है
प्रश्न 8. वे कौन-से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है?
उत्तर-निम्नलिखित विधियों से जीव जिसमें विशेष लक्षण होते हैं जनसंख्या में वृद्धि करता है-
(i) प्रजनन में रंग विभेद संभव है जिससे जनसंख्या में विशेष लक्षणों वाले व्यष्टि जीवों में वृद्धि हो जाएगी।
(ii) रंग विभेद प्रथम, द्वितीय पीढ़ियों में पुनः विभेद संभव है जो जनसंख्या पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है इन दोनों परिस्थितियों में जनसंख्या में बहुत कम रंग-विभेद उभयनिष्ठ होता है।
प्रश्न 9. उन अभिलक्षणों का एक उदाहरण दीजिए जिनका उपयोग हम दो स्पीशीज के विकासीय सम्बन्ध निर्धारण के लिए करते हैं ?
उत्तर-लगभग दो हजार वर्ष पूर्व जंगली बन्दगोभी को खाद्य पौधे के रूप में उगाया गया था। यह एक बनावटी चयन था न कि प्राकृतिक चयन । अतः कुछ । कृषकों ने इच्छा व्यक्त की कि इस गोभी में पत्तियाँ निकट होनी चाहिए । अतः उन्होंने
परस्पर क्रियाविधि द्वारा उस बन्दगोभी को प्राप्त किया जिसका हम आजकल प्रयोग करते हैं। कुछ किसानों ने पत्तियों को पुष्पों के निकट प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की। अत: उन्होंने प्रयास करके इस प्रकार का पौधा प्राप्त किया। इसे फूलगोभी का नाम दिया गया जिसे हम आज भी प्राप्त करते हैं तथा सब्जी के रूप में प्रयोग करते हैं। इस प्रकार से बन्दगोभी तथा फूलगोभी दोनों निकट स्पीशीज हैं जो उद्विकसित स्पीशीज है।
प्रश्न 10. जीवाश्म क्या हैं? यह जैव विकास प्रक्रम के विषय में क्या दर्शाते हैं?
उत्तर-जीवाश्म प्राचीन समय में मृत जीवों के सम्पूर्ण, अपूर्ण, अंग आदि के अवशेष तथा उन अंगों के ठोस मिट्टी, शैल तथा चट्टानों पर बने चिह्न होते हैं जिन्हें पृथ्वी को खोदने से प्राप्त किया गया है। ये चिह्न इस बात का प्रतीक हैं कि ये जीव करोड़ों वर्ष पूर्व जीवित थे लेकिन वर्तमान काल में लुप्त हो चुके हैं।
(i) जीवाश्म उन जीवों के पृथ्वी पर अस्तित्व की पुष्टि करते हैं।
(ii) इन जीवाश्मों की तुलना वर्तमान काल में उपस्थित उपस्थित समतुल्य जीवों से कर
सकते हैं। इनकी तुलना से अनुमान लगाया जा सकता है कि वर्तमान में उन जीवाश्मों के जीवित स्थिति के काल के सम्बन्ध में क्या विशेष परिवर्तन हुए हैं जो जीवधारियों को जीवित रहने के प्रतिकूल हो गए हैं।
प्रश्न 11. जीन लक्षणों को कैसे नियंत्रित करते हैं?
उत्तर कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण के लिए एक सूचना तंत्र होता है, DNA के जिस भाग में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना होती है वह प्रोटीन का जीन कहलाता है। जीवों के लक्षण इसी हॉर्मोन पर निर्भर करते हैं। हॉर्मोन की मात्रा उस प्रक्रम की द्वक्षता पर निर्भर करती है जिसके द्वारा वे उत्पादित होते हैं। यदि विशिष्ट प्रोटीन दक्षता से कार्य करेगी तो हॉर्मोन पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न होगा और यदि प्रोटीन की दक्षता पर कुछ भिन्न प्रभाव पड़ता है तो कम दक्षता के कारण हॉर्मोन कम होगा। जीन ही लक्षणों को प्रभावित और नियंत्रित करते हैं।
प्रश्न 12. किन प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है ?
उत्तर-एक ब्रिटिश वैज्ञानिक जे० बी० एस० हाल्डेन ने सबसे पहली बार सुझाव दिया था कि जीवों की उत्पत्ति उन अजैविक पदार्थों से हुई होगी जो पृथ्वी की उत्पत्ति के समय बने थे। 1953 में स्टेनल एल० मिलर और हेराल्ड सी० डरे ने ऐसे कृत्रिम वातावरण का निर्माण किया था जो प्राचीन वातावरण के समान था। इस वातावरण में ऑक्सीजन नहीं थी। इसमें अमोनिया, मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड थे। उसमें एक पात्र में जल भी था जिसका तापमान 100°C से कम रखा गया था। जब गैसों के मिश्रण से चिंगारियाँ उत्पन्न की गईं जो आकाशीय बिजलियों के समान थीं। मीथेन से 15% कार्बन सरल कार्बनिक यौगिकों में बदल गए। इनमें एमीनो अम्ल भी संश्लेषित हुए जो प्रोटीन के अणुओं का निर्माण करते हैं। इसी आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है।
प्रश्न 13. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए। यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थाई होती हैं। अलैंगिक जनन एक ही जीव से होने के कारण केवल उसी के गुण उसकी संतान में जाते हैं और वे बिना परिवर्तन हुए पीढ़ी दर पीढ़ी समान ही रहते हैं। लैंगिक जनन नर और मादा के युग्मकों के संयोग से होता है जिनमें भिन्न-भिन्न जीन होने के कारण संकरण के समय विभिन्नता वाली संतान उत्पन्न होती है। उदाहरण के लिए सभी मानव युगों पहले अफ्रीका में उत्पन्न हुए थे पर जब उनमें से अनेक ने अफ्रीका छोड़ दिया और धीरे-धीरे सारे संसार में फैल गए तो लैंगिक जनन से उत्पन्न विभिन्नताओं के कारण उनकी त्वचा का रंग, कद, आकार आदि में परिवर्तन आ गया।
प्रश्न 14. मेंडल के कार्य का संक्षिप्त उल्लेख करें।
उत्तर आस्ट्रिया निवासी मेंडल (1882-1884) ने आनुवंशिकता को नियंत्रित करने के बारे में महत्त्वपूर्ण कार्य किया था। उसने मटर के पौधे के विभिन्न सात गुणों-पौधे की ऊँचाई, फूल का रंग, बीज की आकृति, फूलों की स्थिति, बीज का रंग, फलों का प्रकार, फली का रंग के बारे में तुलनात्मक अध्ययन किया था और परिणाम निकाला कि मटर के लक्षण कुछ विशेष इकाइयों द्वारा नियंत्रित होते हैं जिन्हें ‘कारक’ कहते हैं। यही बाद में आनुवंशिक सूचनाओं को संचारित करनेवाले ‘जीन’ कहलाए थे।