[ class-10 ]  [ विज्ञान । Science [ विधुत धारा ]  1 to 27 Question  v.v.i Subjective Question Answer electricity class 10 ,electricity class 10 ncert solution |ass 10 physics electricity exercise  vvi Subjective Question Class 10th Electricity इलेक्ट्रिसिटी क्लास 10th | Electric Current Class 10th

Class 10th Electricity Vvi Subjective Question कक्षा 10 विज्ञान विधुत धारा महत्वपूर्ण प्रश्न

10th Science Question

Class 10th Electricity Vvi Subjective Question

10th science vvi subjective  [ class-10 ]  [ विज्ञान । Science [ विधुत धारा ]  1 to 15 Question  v.v.i Objective Question Answer electricity class 10 ,electricity class 10 ncert solution |ass 10 physics electricity exercise  vvi Objective Question Class 10th Electricity इलेक्ट्रिसिटी क्लास 10th | Electric Current Class 10th 




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[1]. बिभव क्या है ? इसका si मात्रक लिखे ?

उत्तर – एकांक धन आवेश के अंत से किसी निश्चित बिंदु तक लेन में किए गए कार्य को बिभव कहते है | इसका si मात्रक वोल्ट होता है इसे v द्वारा निरुपित किया जाता है


[2 ]. विधुत उर्जा क्या है?इसका SI मात्रक लिखे ?

उतर –विधुतिए उर्जा कार्य को विधुत उर्जा कहते है |इसका SI मात्रक जुल होता है |किंतु व्योसयिक मात्रक किलो वाट घंटा(KWH)होता है |


[3 ].बिजली के स्त्री (आयरन )का वर्णन करे ?

उतर –बिजली के स्त्री में उसके दोनों सिरों के बिच में एक nycrom तार की बनी कुंडली होती है |इसे लोहा के दो सतहो के बिच करना चाहता है |जब कुंडली में धरा पर्वाहित की जाती है| तो वह गर्म हो कर लोहे को गर्म कर देती है जिससे कपडे पर स्त्री की जाती है |





[4 ].एक एम्पीयर क्या है ?

उतर  –जब किसी चालक से एक सेकंड में एक कुलम्ब आवेस पर्वाहित होती है |तो उस चालक से पर्वाहित धारा एक एम्पीयर कहलाती है |अर्थात एक एम्पीयर = एक कुलम्ब/एक सेकंड


[5] .प्रत्यावर्ती धारा dynamo और दिस्त धारा dynamo में अंतर लिखे ?

उतर –(1) प्रत्यावर्ती धारा dynamo  में आर्मेचर की कुंडली दो सर्पी सतहो से जुड़े होते है |जबकि दिस्त धारा dynamo के आर्मेचर एक विभक्त वलय से जुड़े होते है |

(2) प्रत्यावर्ती धारा dynamo  द्वार उत्पन्न धारा आवर्त रूप से बदलती हुई दिशाओ में चलती है  |जबकि दिस्त धारा dynamoद्वारा उत्पन्न धारा सीधी दिशाओ में चलती है |


[6 ]. प्रत्यावर्ती धारा के लाभ बताये ?

उतर – प्रत्यावर्ती धारा के लाभ निम्नलिखित है |

(1) प्रत्यावर्ती धारा द्वारा बड़े बड़े यंत्र चलाये जाते है |

(2) प्रत्यावर्ती धारा के विधुत वाहक बल को दबा कर दूर तक भेजा जा सकता है |

(3) प्रत्यावर्ती धारा अत्यधिक खतरनाक होता है |


[7 ].भुसम्पर्क तार के क्या कार्य है ?

उतर -.जब किसी कारण वस विधुत परिपथ में विधुत धारा का प्रवाह बढ़ जाता है | तो भूतार के द्वारा जमीं के अन्दर चला जाता है |जिससे परिपथ में लगे उपकरण बर्बाद होने से बच जाते है |तथा घरो में आग नहीं लगती है |


[8 ]. लेंज का नियम क्या है ?

उतर –जब विधुत चुम्बकीय प्रेरण द्वारा परिपथ में धारा उत्पन्न होती है तो उसकी दिसा ऐसे होती है जो उस कारण का ही बिरोध करती है |जिससे वह उत्पन्न होती है |इसे लेंज का नियम कहते है |


[ 9 ].चुम्बक किसे कहते है ?

उतर –वैसे पदार्थ जो इस्पात ,लोहा और निकेल को अपनी ओर खिचे | उसे चुम्बक कहते है |चुम्बक की यह खूबी होती है की ,यदि उसे धागा से बांध कर लाका दिया जाय तो उसका एक-एक सिरा उतर –दक्षिण दिशा की ओर आ कर रुक जाती है |




[10 ].स्थाई चुम्बक और विधुत चुम्बक में अंतर लिखे ?

उतर –स्थाई चुम्बक और विधुत चुम्बक में निम्नलिखित अंतर है |

(1) विधुत चुम्बक एक अस्थाई चुम्बक है |जबकि छड चुम्बक एक स्थाई चुम्बक है |

(2) विधुत चुम्बक प्रबल चुम्बकीये बल लगा सकता है | जबकि अस्थाई चुम्बक का आकर्षण बल कमजोर होता है |

(3) विधुत चुम्बक की सकती फेरो की संख्या पर निर्भर करती है |जबकि अस्थाई चुम्बक की शक्ति निश्चित रहती है |


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[11]. चुम्बकीय फ्लक्स क्या है इसका si मात्रक लिखे ?

उतर –समतल सतह पर चुम्बकीय क्षेत्र के अभिलम्बवत तथा सतह के क्षेत्र के गुणनफल को चुम्बकीय फलक्स कहते है |इसका si मात्रक वेवर होता है |जिसे फाई के द्वारा निरुपित किया जाता है |


[12].चुम्बकीय तथा अचुम्बकीय पदार्थ क्या है ?

उतर –चुम्बकीय पदार्थ -वैसे पदार्थ जो चुम्बक की ओर आकर्षित होते है उसे चुम्बकीय पदार्थ कहते है  जैसे- निकेल ,कोबाल्ट ,लोहा इत्यादि

अचुम्बकीय पदार्थ –वैसे पदार्थ जो चुम्बक की ओर आकर्षित नहीं होते है उसे अचुम्बकीय पदार्थ कहते है | जैसे –पलास्टिक ,रबर .कागज इत्यादि |


 प्रश्न 13. विद्युत बल्ब में निष्क्रिय गैस क्यों भरी जाती है? 

उत्तर-विद्युत बल्ब में टंग्स्टन का फिलामेंट (तंतु) से हवा-माध्यम में विद्युत-धारा प्रवाहित की जाए तो यह हवा के ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत होकर भंगुर हो जाएगा और टूट जाएगा। इसलिए फिलामेंट को टूटने से बचाने के लिए काँच के बल्ब के अंदर की हवा को निकालकर निष्क्रिय गैस भर दी जाती है। गैसों को निम्न दाब पर भरा जाता है जिससे कि संवहन द्वारा ऊष्मा की हानि न्यूनतम हो।


प्रश्न 14. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रधातु के क्यों बनाए जाते हैं ?

उत्तर-विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रधातु के बनाए जाते हैं क्योंकि मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता उनकी अवयवी धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है और उनका उच्च ताप पर शीघ्र ही उपचयन (दहन) नहीं होता है।


प्रश्न 15. विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एक मात्र टंगस्टन का ही उपयोग किया जाता है।

उत्तर-विद्युत बल्ब में टंग्स्टन का फिलामेंट (तंतु) इसलिए बनाया जाता है, क्योंकि इसका गलनांक बहुत अधिक (लगभग 3400°C) होता है। अतः, यह बिना गले 2700°C का श्वेत-तप्त ताप प्राप्त कर सकता है। चूँकि टंग्स्टन की प्रतिरोध कता कम है, इसलिए पतला और लंबा तार (कुंडली के रूप में) लेना पड़ता है ताकि प्रतिरोध अधिक हो और ऊष्मा अधिक उत्पन्न हो।


प्रश्न 16. घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?

उत्तर-श्रेणीक्रम में समान विद्युत धारा, सभी उपकरणों में प्रवाहित होती है। श्रेणीक्रम से अधिक उपकरण लगाने से धीरे-धीरे धारा का मान घटता जाता है क्योंकि सभी प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं और कुल प्रतिरोध बहुत अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक उपकरण के सिरों पर विभवांतर भिन्न होता है।




प्रश्न 17. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं ?

उत्तर-यावक्रम में संयोजित करने के लाभ होते हैं-

(i) प्रतिरोधों को पार्यक्रम में जोड़ने से किसी भी चालक में स्विच की सहायता से विद्युत धारा स्वतंत्रतापूर्वक भेजी अथवा रोकी जा सकती है।

(ii) ऐसा करने से सभी समांतर शाखाओं के सिरों के बीच का विभवांतर बराबर होता है। इसलिए लैंप, बिजली की प्रैस, रेफ्रीजरेटर, रेडियो आदि को एक ही विभव पर प्रचलन के योग्य बनाया जा सकता है ।


प्रश्न 18. विद्युत आवेश क्या है ? विद्युत आवेश कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर-इलेक्ट्रॉन कं सतत प्रवाह को विद्युत आवेश कहते हैं। आवेश का S.I मात्रक कूलॉम्ब (कूलॉम) है। एक इलेक्ट्रॉन पर 1.6 x 10-19 कुलाम्ब (C) ऋण आवेश होता है। विद्युत आवेश दो प्रकार का होता है-

1. धनात्मक आवेश 

2. ऋणात्मक आवेश।

S.N पाठ का नाम 
01 प्रकाश : परावर्तन एवं अपवर्तन
02 मानव नेत्र तथा रंग बिरंगा संसार 
03 विधुत 
04 विधुत-धारा के चुम्बकीय प्रभाव 
05 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 19. साधारण वोल्टिक सैल की संरचना लिखिए।

उत्तर साधारण वोल्टिक सैल वोल्टा के द्वारा तैयार किया गया था। यह पहला ऐसा यंत्र था जिसके द्वारा विद्युत धारा को प्राप्त किया गया था। काँच के बने बर्तन में तांबे और जिस्ते की दो छड़ें तनु गंधक के अम्ल में डुबोई जाती हैं। जिस्त अम्ल से क्रिया करता है। जब टार्च के बल्ब को तार की सहायता से तांबे और जिस्ता से जोड़ा जाता है तो विद्युत आवेश उत्पन्न होता है।




प्रश्न 20. विद्युत तापन युक्तियों, जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्र धातुओं के क्यों बनाए जाते हैं ?

उत्तर-मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता बहुत उच्च होती है तथा तापमान परिवर्तन से प्रतिरोधकता में विशेष कमी नहीं आ पाती, इसके साथ-साथ यह अधिक तापमान पर ऑक्सीकृत भी नहीं होती है |


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प्रश्न 21. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है ?

उत्तर-विद्युत परिपथ चालकों तथा विद्युत स्रोतों का संयोजन है। इन चालकों तथा विद्युत स्रोतों को कम प्रतिरोध के संयोजक तारों से इस प्रकार जोड़ा जाता है कि कोई लघु पथ न हो।


प्रश्न 22. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए। 

उत्तर-विद्युत धारा का मात्रक ऐम्पियर है। किसी चालक के अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल से प्रति सेकेण्ड होने वाले आवेश की मात्रा एक कूलॉम हो तो विद्युत धारा सम्पयर कहलाती है।


प्रश्न 23. किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है ?

उत्तर-जब तार का पृष्ठ क्षेत्रफल अधिक होगा तो चालक में इलेक्ट्रॉन भी अधिक मुक्त रूप से बहेंगे। इस कारण चालक में धारा अधिक होगी तथा प्रतिरोध कम




प्रश्न 24. विद्युत संचारण के लिए प्राय: कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर-कॉपर तथा ऐलुमिनियम विद्युत के अच्छे चालक हैं। कॉपर तथा ऐलुमिनियम की प्रतिरोधकता कम है। जब ताँबे तथा ऐलुमिनियम तारों में विद्युत प्रेषित होती है, तो ऊष्मा के रूप में शक्ति ह्रास बहुत कम होता है।


प्रश्न 25. विद्युत धारा की प्रबलता की परिभाषा दें। अथवा, विद्युत धारा क्या है? इसका समीकरण एवं मात्रक लिखें।

उत्तर-किसी चालक से प्रवाहित विद्युत-धारा की प्रबलता उस चालक के किसी अनुप्रस्थ काट से एकांक समय में प्रवाहित आवेश का परिमाण है। यदि सेकण्ड में। कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है तो उस अनुपस्थ काट से प्रवाहित विद्युत धारा का मान 1 ऐम्पियर होता है।


प्रश्न 26. किसी विद्युत हीटर की डोरी उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है।

उत्तर—विद्युत हीटर में लगे तापन अवयव का प्रतिरोध, विद्युत हीटर की डोरी के प्रतिरोध की अपेक्षा काफी अधिक होता है। चूँकि किसी चालक में विद्युत-धारा के प्रवाह के कारण चालक में उत्पन्न ऊष्मा, चालक के प्रतिरोध के समानुपाती होती है (Ha R, I तथा t नियत रहने पर), इसलिए हीटर का तापन अवयव तो उत्तप्त हो जाता है, परंतु हीटर की डोरी उत्तप्त नहीं होती है।


प्रश्न 27. घरों के विद्युत परिपथ में विद्युत उपकरण समान्तर क्रम में क्यों जोड़े जाते हैं?

उत्तर-पाश्यक्रम में संयोजित करने के लाभ होते हैं-

(i) प्रतिरोधों को पार्यक्रम में जोड़ने से किसी भी चालक में स्विच की सहायता से विद्युत धारा स्वतंत्रतापूर्वक भेजी अथवा रोकी जा सकती है।

(ii) ऐसा करने से सभी समांतर शाखाओं के सिरों के बीच का विभवांतर बराबर होता है। इसलिए लैंप, बिजली की प्रैस, रेफ्रीजरेटर, रेडियो आदि को एक ही विभव पर प्रचलन के योग्य बनाया जा सकता है।




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S.N पाठ का नाम 
1 प्रकाश : परावर्तन एवं अपवर्तन
2 मानव नेत्र तथा रंग बिरंगा संसार 
3 विधुत 
4 विधुत-धारा के चुम्बकीय प्रभाव 
5 उर्जा के स्रोत 
[ class-10 ]  [ विज्ञान । Science [ विधुत धारा ]  1 to 27 Question  v.v.i Subjective Question Answer electricity class 10 ,electricity class 10 ncert solution |ass 10 physics electricity exercise  vvi Subjective Question Class 10th Electricity इलेक्ट्रिसिटी क्लास 10th | Electric Current Class 10th

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