मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार | science vvi subjective question 2021 | class 10th science important question 2021

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[1]. दृष्टी दोष क्या है ? ये कितने प्रकार के होते है ?

उत्तर – जब किसी कारण वश नेत्र लेंस निकट या दूर स्थित वस्तुओ का स्पस्ट प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाने की छमता को खो देता है | उसे दृष्टी दोष कहते है

            ये चार प्रकार के होते है

(a) दृग दृष्टी दोष

(b) निकट दृष्टी दोष

(c) जरा दृष्टी दोष

(d) अबिदुकता


[2]. तारे क्यों टिमटिमाते है ?

उत्तर – तारो से निकलने वाली प्रकाश जब वायुमंडल के विभिन्न घनत्व वाली परतो से गुजरता है तो उसकी तीव्रता कभी बढ़ जाती है तो कभी घट जाती है यही कारण है की तारे टिमटिमाते हुए मालूम पड़ते है |


[3].अन्तरिक्ष यात्री को आकाश का रंग काला क्यों दिखाई देता है ?

उतर –जब अन्तरिक्ष यात्री अन्तरिक्ष में जाते है तो वाहा कोई भी कण न होने के कारण प्रकाश का अपवर्तन नहीं होता है |जिसके कारण अन्तरिक्ष यात्री को आकाश का रंग काला दिखाई देता है |


[4].सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल दिखाई देता है क्यों ?

जब सूर्य धरती के क्षितिज के समीप रहता है तो उससे निकलने वाली प्रकश के वर्णों को अधिक दुरी तय करनी पड़ती है |जिसके कारण कम तरंग दैर्ध वाले प्रकाश के वर्णों का प्रकीर्णन हो जाता है |किंतु लाल वर्ण का प्रकीर्णन कम होता है | यही करण है की सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल दिखाई देता है |


[5].टिंडल प्रभाव क्या है ?

उतर –पोलायडी विलियन के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन को टिंडल प्रभाव कहते है | टिंडल प्रभाव के कारण प्रकाश का मार्ग दिखाई पड़ता है |


[6]. वायुमंडलिय अपवर्तन से आप क्या समझते है ?

उत्तर – वायुमंडल का घनत्व भिन्न भिन्न प्रकार के होते है | पृथ्वी के समीप वाले वायुमंडल का घनत्व सबसे अधिक होता है और उचाई बढ़ने के साथ साथ वायुमंडल का घनत्व घटते जाता है जब प्रकाश वायुमंडल के विभिन्न घनत्व वाली परतो से गुजरता है तो उसके दिशा में होने वाले परिवर्तन को वायुमंडलीय अपवर्तन कहते है  |


7. निकट दृष्टि दोष क्या है ? इसके कारण एवं उपचार बतावे ?

उत्तर – जब नेत्र लेंस दूर स्थित वस्तुओ का स्पस्ट प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाने की क्षमता को खो देता है | उसे निकट दृष्टि दोष कहते है | इस दोष में निकट की वास्तु स्पस्ट दिखाई पड़ती है किंतु दूर की वास्तु स्पस्ट दिखी नही पड़ती है |

कारण – I.नेत्र लेंस आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाता है जिससे उसकी फोकस दुरी घाट जाती है

II. नेत्रगोलक आवश्यकता से अधिक मोटा हो जाता है जिससे नेत्रगोलक और रेटिना की बिच की दुरी बढ़ जाती है

उपचार – निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस के बने चश्मे का व्यवहार करना चाहिए


8. प्रिज्म क्या है ?

उत्तर – कांच का बना हुआ वह पारदर्शी माध्यम जिसमे पांच फलक होते है | जो तीन आयताकार और दो त्रिभुजाकार होता है जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म पर पड़ता है तो वह सात रंगों में विभक्त हो जाता है |


9. मानव नेत्र का वर्णन करे ?

उत्तर – मानव नेत्र लगभग गोलाकार होता है | इसके सबसे बाहरी भाग को दृष्टि पटल कहते है | और आगे वाली भाग को कार्निया कहते है , जो आगे चलकर दो भागो में बट जाता है आयरिश पेशिया और शिल्यरिश पेशिया आयरिश रंगीन होता है जिसके बिच में एक गोलाकार छिद्र होता है जिसे पुतली कहते है | पुतली निचे मुलायम एवं अपारदर्शी पदार्थ का एक उत्तल लेंस होता है | लेंस की सबसे उपरी भाग को रेटिना कहते है जो दो प्रकार के तंतु से जुड़े होते है | छड जो प्रकाश के उत्तरदायी होते है | शंकु जो प्रकाश के रंग के लिए उत्तरदायी होते है जब नेत्र लेंस किसी भी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाती है तब उसकी सुचना छड और शंकु के द्वारा मस्तिष्क को प्राप्त होता है


10. दीर्घ दृष्टि दोष क्या है ?

उत्तर – जब किसी कारण वश नेत्र लेंस निकट स्थित वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाने की क्षमता को खो देता है उसे दृग दृष्टि दोष कहते है इस दोष में दूर की वस्तु स्पष्ट दिखाई पड़ती है किंतु नजदीक की वस्तु स्पष्ट दिखाई नही देती है

कारण – i. नेत्र लेंस अवश्यकता से अधिक पतला हो जाता है जिससे उसकी फोकस दुरी बढ़ जाती है

II. नेत्र गोलक अवश्यकता से अधिक मोटा हो जाता है जिससे नेत्र लेंस और रेटिना की बिच की दुरी घट जाती है

उपचार – इस दोष को को दूर करने के लिए उत्तल लेंस के बने चश्मे का व्यवहार किया जाता है |


11. अबिंदुक्ता क्या है ?

उत्तर – इस दोष से पीड़ित व्यक्ति एक साथ उदग्र और क्षैतिज रेखाओ को फोकसित नही कर सकता है |

कारण – इस दोष के प्रमुख कारण कार्निया की वक्रता की सममिति में कमी के कारण होता है |

उपचार – इस दोष से पीड़ित व्यक्ति का मानशिक संतुलन बिगड़ जाता है | इस दोष के उपचार के लिए बेलनाकार लेंस का प्रयोग किया जाता है |




प्रश्न 12. व्याख्या कीजिए कि ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते ? 

उत्तर-ग्रह तारों की अपेक्षा पृथ्वी के बहुत पास है और इसलिए उन्हें विस्तृत स्रोत की भाँति माना जा सकता है। यदि हम ग्रह को बिन्दु साइज के अनेक प्रकाश स्रोतों का संग्रह मान लें, तो सभी बिन्दु साइज के प्रकाश स्रोतों से हमारे नेत्रों में प्रवेश करने वाली प्रकाश की मात्रा में कुल परिवर्तन का औसत मान शून्य होगा, इसी कारण टिमटिमाने का प्रभाव निष्प्रभावित हो जाता है।


प्रश्न 13. दूर-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश में देखते समय चश्मा उतारना पसन्द करता है, क्यों?

उत्तर-मानव जो निकट दृष्टि दोष का नहीं है, उसका दूरस्थ बिन्दु सामान्यतया अनन्त पर होता है। सब समान्तर किरणे दूर की वस्तु से रेटिना पर बिना चश्मे के फोकस होती हैं। ऐसा व्यक्ति यदि चश्मे के साथ आकाश में देखेगा तो उत्तल लेंस से समान्तर किरण रेटिना से पहले फोकस हो जाएगी। अभिसरण से यह धुंधला प्रतिविम्ब बनेगा। इस कारण दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश में देखते समय चश्मा उतारना पसन्द करता है


प्रश्न 14. दृष्टि निबंध क्या है ? किस प्रकार चलचित्र संभव होता है ?

उत्तर-रेटिना पर बना प्रतिबिम्ब वस्तु के हटाए जाने के 1/10 सेकेण्ड तक स्थिर रहता है। इसे दृष्टि निबंध कहते हैं। यदि चलचित्र कैमरे द्वारा खींचे गए अचल चित्रों में दृश्यों के क्रम को किसी परदे पर लगभग 24 प्रतिबिम्ब बनाता प्रति सेकेण्ड अथवा इससे अधिक दर पर प्रक्षेपित किया जाए तो प्रतिबिम्बों के क्रमागत प्रभाव निर्बाध रूप से एक-दूसरे में मिश्रित अथवा विलीन होते प्रतीत होते हैं। इस सिद्धान्त से चलचित्र संभव हो पाता है।


प्रश्न 15. नेत्र की सामंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है?

उत्तर-जब नेत्र अनन्त पर स्थित किसी वस्तु को देखता है तो नेत्र पर गिरने वाली समान्तर किरणें नेत्र लेंस द्वारा रेटिना पर फोकस हो जाती हैं तथा नेत्र को वस्तु स्पष्ट दिखायी देती है। नेत्र लेंस से रेटिना तक की दूरी नेत्र लेंस की फोकस दूरी कहलाती है। उस समय मांसपेशियाँ ढीली पड़ी रहती है तथा नेत्र लेंस की फोकस दूरी सबसे अधिक होती है। जब नेत्र किसी. समीप की वस्तु को देखता है तो
माँसपेशियां सिकुड़ कर लेंस के तलों की वक्रता त्रिज्याओं को छोटी कर देती हैं, इससे नेत्र लैंस की फोकस दूरी कम हो जाती है तथा वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिम्ब पुनः रेटिना पर बन जाता है। नेत्र की इस प्रकार फोकस दूरी को कम करने की क्षमता को समंजन क्षमता कहते हैं।


प्रश्न 16. निकट-दृष्टि दोष का व्यक्ति पुस्तक पढ़ते समय चश्मे को क्यों हटा देता है?

उत्तर सामान्य निकटस्थ बिन्दु 25 cm. है। यदि अवतल लेंस के चश्मे से पुस्तक पढ़े तो उसे पुस्तक अधिक दूरी पर रखनी होगी। इसके अतिरिक्त पुस्तक का प्रतिबिम्ब रेटिना के पीछे धुंधला दिखाई देगा। इसलिए निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति चश्मे को उतारकर पढ़ना पसन्द करता है।


प्रश्न 17. मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिन्दु तथा निकट बिन्दु नेत्र से कितनी दूरी पर होते हैं ?

उत्तर-मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिन्दु अनन्त है। मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए निकट बिन्दु 25 cm है।


प्रश्न 18, जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र से. प्रतिबिम्ब-दूरी का क्या होता है ?

उत्तर-समंजन के कारण, सामान्य नेत्र अभिनेत्र लेंस विभिन्न दूरियों की वस्तुओं के प्रतिबिम्ब समान रेटिना पर बनाते हैं। इसलिए नेत्र में प्रतिबिम्ब-दूरी समान रहती है।


प्रश्न 19. नेत्र का निकट बिंदु किसे कहते हैं ?

उत्तर-वह न्यूनतम दूरी जिस पर रखी वस्तु बिना किसी तनाव के अत्यधिक स्पष्ट देखी जा सकती है उसे नेत्र का निकट बिंदु कहते हैं। किसी सामान्य दृष्टि के लिए यह दूरी लगभग 25 cm होती है।


प्रश्न 20. आँख के मुख्य दोषों के नाम लिखें।

उत्तर-आँख के मुख्य चोर दोष. हैं-

(i) निकट-दृष्टि दोष

(II) दूर-दृष्टि दोष

(iii)प्रेसबायोपिया

(iv) ऐस्टग्माटिज्म ।


प्रश्न 21. आँखों की सुग्राहिता से क्या अर्थ है ?

उत्तर-आँखों की सुग्राहिता का संबंध रंगों से है। आँखें किसी रंग के लिए अधिक सुग्राही होती हैं और किसी के लिए कम ।


प्रश्न 22. दो आँखों की क्या उपयोगिता है?

उत्तर-वस्तु को दो आँखों से देखने की उपयोगिता निम्न हैं-

(i) वस्तु की दूरी का अंदाजा ठीक लगाया जा सकता है।

(ii) वस्तु त्रिदिशाओं का प्रभाव ठीक से प्राप्त किया जा सकता है।

(iii) दोनों आँख एक-दूसरे को सैकेण्ड के एक भाग के लिए आराम देती रहती हैं।



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