धातु और अधातु | class 10th science vvi subjective question 2021 | science vvi subjective question pdf download

10th Science Question

1. संक्षारण क्या है इसे कैसे रोका जा सकता है ?

उत्तर – किसी धातु का अन्य धातु या यौगिक से अभिक्रिया कर अवांछित रूप में परिवर्तित होना संक्षारण कहलाता है जैसे लोहे में जंग लगना , सिल्वर सल्फाइड का बनना , ताम्बे पर हरे रंग का परत बनना |

धातुओ को संक्षारण से बनने के लिए उसे मिश्र धातु में परिवर्तीत कर देना चाहिय या उसके सतह पर जस्ता या सोना चाँदी की परत चढ़ा देना चाहिए |


2. रासायनिक गुणों के आधार पर धातु और अधातु में अंतर स्पस्ट करे ?

उत्तर – रासायनिक गुणों के आधार पर धातु और अधातु में प्रमुख अंतर निम्न्लिखित है |

i. धातु के आक्साइड क्षारीय होते है जबकि अधातु के आक्साइड अम्लीय होते है

ii. धातु अम्ल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस देता है जबकि अधातु अम्ल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस नही देता है

iii. धातु के कार्बोनेट सल्फेट और नाइट्रेट होता है जबकि अधातु के नही होते है

iv. धातु cl2 से अभिक्रिया कर बैधुत संयोजक क्लोराइड बनाता है जबकि अधातु cl2 से अभिक्रिया कर बैधुत सह संयोजक क्लोराइड बनाता है |


3. उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया है ?

उत्तर – उत्कृष्ट गैसों की खोज मेंड्लिफ के आवर्त सारणी बनने के बाद हुई तथा दूसरी ओर ये क्रियाशील नही होते है यही कारण है की उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में रखा गया है |


4. प्लेटेनियम और सोना चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने में क्यों किया जाता है ?

उत्तर – प्लेटेनियम सोना और चाँदी कम क्रियाशील होता है दूसरी ओर इसमें जंग नही लगता है तथा इसकी चमक हमेशा बनी रहती है यही कारण है की प्लेटेनियम और सोना चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है |


[5]. गर्म जल का टैंक  बनाने में ताम्बे का उपयोग होता है इस्पात का नही क्यों ?

उत्तर – तम्बा जल के साथ किसी भी स्थिति में अभिक्रिया नही करती है , किंतु लोहा भाप के साथ अभिक्रिया करके आक्साइड और हाइड्रोजन गैस बनती है यही कारण है की गर्म जल का टैंक बनाने में तम्बा का उपयोग होता है इस्पात का नही


 [6]. प्लेटेनियम , सोना एवं चाँदी का उपयोग का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है क्यों ?

उत्तर – प्लेटेनियम ,सोना एवं चाँदी कम अभिक्रिया शील धातु होता है साथ ही इसका संक्षारण भी नही होता है पुराना होने पर भी इसकी चमक बनी रहती है यही कारण है की प्लेटेनियम , सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है


 [7]. धातु कर्म क्या है ?

उत्तर –अयस्को से धातुओ के निष्कर्षण और इसके उपयोग में लाने के पूर्व शुद्धिकरण की प्रक्रिया को धातुकर्म कहते है

                                           धातु कर्म के प्रमुख पद निम्नलिखित है :

(1) अयस्को का सांद्रण

(2) निस्पातन या भर्जन

(3) अवकरण

(4) अशुद्ध धातुओ का शोधन




[8]. लोहा के प्रमुख भौतिक गुणों को लिखे ?

उत्तर – लोहा के प्रमुख भौतिक गुण निम्नलिखित है :-

(1) सुद्ध लोहा मुलायम होता है जिसमे चाँदी की चमक होती है

(2) सुद्ध लोहा अघात एवं तन्य  होता है

(3) लोहा विधुत एवं ऊष्मा के सुचालक होते है

(4) सुद्ध लोहा छोटे – छोटे डोमेन से मिलकर बने होते है


 [9]. धातु के सक्रियता श्रेणी से आप क्या समझते है ?

उत्तर – धातुओ के उसकी बढती हुई क्रियाशीलता के आधार पर एक उदग्र स्तम्भ में सजाया जाता है | इसे धातु की सक्रियता श्रेणी कहा जाता है जैसे :-

कैल्सियम – ca         सोडियम – na            आदि


[10]. धातु क्या है ? इसके भौतिक गुण लिखे ?

उत्तर – वे सभी पदार्थ जो विधुत एवं ऊष्मा के सुचालक होते | अघातवर्ध एवं तन्य होते है उसे धातु कहते है

                    धातु के प्रमुख भौतिक गुण निम्न्लिखित है :-

(1) धातु अघात वर्ग होते है

(2) धातु तन्य होते है

(3) धातु विधुत एवं ऊष्मा के सुचालक होते है

(4) धातु के क्थ्नांक उच्च होते है अपवाद में सोडियम पोटैसियम


 [11] . अयस्क क्या है ?

उत्तर –  वे खनिज जिसमे कम खर्च पर आसानी से धातु प्राप्त किए जाते है उसे अयस्क कहते है | अर्थात सभी अयस्क खनिज है किंतु सभी खनिज अयस्क नही है अयस्क कई प्रकार के होते है :- सल्फाइड अयस्क ,हाईलाइड अयस्क आदि


 प्रश्न 12. अयस्क और खनिज में अंतर लिखिए।

उत्तर-खनिज- धातुओं के प्राकृत यौगिक रूप को खनिज कहते हैं। अधिकांश धातुएँ हमें यौगिकों के रूप में ही प्राप्त होती हैं, जैसे—ताँबा हमें पाइराइट या क्यूपराइट से प्राप्त होता है

अयस्क- जिन पदार्थों (खनिजों) से धातु का निष्कर्षण सरल हो उन्हें अयस्क कहते हैं, जैसे ऐलुमिनियम का अयस्क बॉक्साइट है तो लोहे का हैमेटाइट।


प्रश्न 13. धातुओं की जल के साथ अभिक्रिया पर प्रकाश डालें।

उत्तर- जल के साथ अभिक्रिया करके धातु, हाइड्रोजन गैस तथा धातु ऑक्साइड उत्पन्न करता है। जल में विलयशील है धातु ऑक्साइड इसमें और घुलकर धातु हाइड्रोक्साइड प्रदान करता है। लेकिन सभी धातु जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते।


प्रश्न 14. 24 कैरेट सोना क्या है?

उत्तर सोने को 24 कैरेट कहते हैं तथा ये काफी नर्म होता है। इसलिए आभूषण बनाने के लिए ये उपयुक्त नहीं होता है। इसे कठोर बनाने के लिए चाँदी या कॉपर के साथ मिलाया जाता है। हमारे देश में प्रायः आभूषण बनाने के लिए 22 कैरट सोने का उपयोग होता है। इसका मतलब है कि 22 भाग शुद्ध सोने में 2 भाग कॉपर या चाँदी मिश्रित किया जाता है।


प्रश्न 15. एक्वारीजिया क्या होता है ? विवरण दें।

उत्तर- एक्वारीजिया, 3:1 के अनुपात में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सांद्र नाइट्रिक अम्ल का मिश्रण है। यह सोने को गला सकता है जबकि दोनों में से किसी अम्ल में अकेले यह क्षमता नहीं है एक्वारीजिया (रॉयल जल का लैटिन शब्द) भभकता द्रव होने के साथ तेज संक्षारक है। यह प्लैटिनम को गलाने में भी सक्षम हैं।


प्रश्न 16. आघातवर्थ्य तथा तन्य का अर्थ बताइए। 

उत्तर-(i) धातुओं के आधातवर्ध्य होने का अर्थ है कि धातुओं को हथौड़े से पीटकर पतली चादरें बनाई जा सकती हैं।

(ii) धातुओं के तन्य होने का अर्थ है कि धातुओं को खींचकर तार बनाए जा सकते हैं।


प्रश्न 17. हाइड्रोजन गैस के भौतिक गुण लिखिए।

उत्तर-हाइड्रोजन गैस के भौतिक गुण-

(i) यह रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन गैस है

(ii) पानी में यह बहुत कम घुलनशील है। यह 100 cm3 पानी में लगभग 2 cm3 घुलती है।

(iii) यह अति ज्वलनशील गैस है।

(iv) यह वायु से बहुत हल्की होती है।

(v) यह लिटमस पेपर के प्रति उदासीन रहती है।


प्रश्न 18. ऐलुमिनियम के उपयोग बताएँ।

उत्तर-ऐलुमिनियम के उपयोग

(i)  ऐलुमिनियम हल्की धातु होने के कारण, हवाई जहाजों की बॉडी और मोटर इंजन बनाने के काम आती है।

(ii) यह बर्तन, फोटोफ्रेम तथा घरेलू उपयोग की ओर अनेक वस्तुएँ बनाने में काम आती है।

(ii) यह बिजली का सुचालक है, इसलिए आजकल बिजली के स्थानांतरण के लिए इनका प्रयोग किया जाता है।

(iv) ऐलुमिनियम की बारीक परतों को खाने का सामान, दवाइयाँ, दूध की बोतलें आदि पैक करने में प्रयुक्त की जाती हैं।

(v) ऐलुमिनियम पाउडर सिल्वर पेंट बनाने के काम आता है।

(vi) ऐलुमिनियम पाउडर एलूमिनोथिरैपी में प्रयुक्त होता है। यह प्रक्रम लोहे की पटरियों तथा मशीनों के टूटे भागों को जोड़ने के काम आता है ।




प्रश्न 19. गैल्वनीकरण किसे कहते हैं ?

उत्तर-लोहे की बनी वस्तुओं को पिघले हुए जिंक में डुबो देने से या विद्युत् विधि द्वारा लोहे पर एक बारीक जिंक की परत चढ़ाने की प्रक्रिया गैल्वनीकरण कहलाती है |


प्रश्न 20. एक वात्याभट्टी की उत्पादन क्षमता कितनी होती है ?

उत्तर-एक वात्याभट्टी (Blast Furnace) में प्रतिदिन 3000 से 4000 टन तक लोहा उत्पन्न किया जा सकता है। एक बार प्रारंभ होने के बाद वात्याभट्टी लगातार 5 वर्ष तक चलती रहती है।


 प्रश्न 21. विद्युत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर—कॉपर, जिंक, टिन, निकेल, चाँदी, सोना आदि जैसे अनेक धातुओं का शोधन विद्युत् अपघटन द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है। धातु के लवण विलयन का उपयोग विद्युत्-अपघट्य के रूप में होता है। विद्युत-अपघट्य में जब धारा प्रवाहित होती है तब एनोड पर स्थित शुद्ध धातु विद्युत्-अपघट्य में घुल जाता है। इतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विद्युत्-अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है
विलयशील अशुद्धियाँ विलयन में चली जाती हैं तथा अविलयशील अशुद्धियाँ ऐनोड के नीचे निक्षेपित हो जाती हैं जिसे ऐनोड अवपंक कहते हैं।


प्रश्न 22. सोडियम को केरोसीन तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है ?

उत्तर—सोडियम सक्रिय धातु है जो वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाती है। यह पानी से क्रिया कर सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोजन उत्पन्न करती है। वायु में खुला छोड़ देने पर यह आग पकड़ लेती है। इसलिए इसे मिट्टी के तेल में डुबोकर सुरक्षित रखते हैं ।


प्रश्न 23. वल्कनीकरण किसे कहते हैं ? इस प्रक्रिया में रबड़ में क्या परिवर्तन आते हैं?

उत्तर-सल्फर को प्राकृतिक रबड़ के साथ मिश्रित करने की प्रक्रिया को वल्कनीकरण कहते हैं। जब प्राकृतिक रबड़ को सल्फर से मिलाकर गर्म करते हैं तो रबड़ अधिक कठोर तथा कम लचकदार हो जाता है । रबड़ एक बहुलक है जिसमें एक ही तल में अणुओं की एक लंबी श्रृंखला होती है जिसके कारण रबड़ को खींचा जा सकता है परंतु सल्फर मिलाने से उसका लचीलापन समाप्त हो जाता है क्योंकि सल्फर रबड़ की श्रृंखला के समान अणुओं के मध्य आड़े बंध बनाता है। सल्फर
कार्बन परमाणुओं के घूर्णन में भी बाधा डालती है।


प्रश्न 24. आयनिक यौगिकों के द्रवनांक उच्च क्यों होता है?

उत्तर-आयनिक यौगिकों के क्रिस्टल जालक में धनायन एवं ऋणायन एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित रहते हैं और परस्पर प्रबल अंतरआयनिक आकर्षण बल द्वारा जुड़े होते हैं। अत: बंद संकुलित क्रिस्टलीय आकृति को तोड़ने के लिए अति उच्च ऊर्जा की आवश्यकता होती है। फलतः आयनिक यौगिकों के गलनांक उच्च होते हैं।

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