class 10th Sanskrit vvi subjective question
- अलस कथा का क्या शिक्षा या संदेश है ?
उत्तर – अलसकथा का संदेश है कि आलस्य एक महान रोग है | आलसी का सहायक प्रायः कोई भी नही होता है | जीवन में विकास के लिए व्यक्ति का कर्मठ होना अत्यवश्यक है | आलस्य शरीर में रहने वाला महान शत्रु है जिससे अपना परिवार का और समाज का विनाश का अवश्य ही होता है | यदि जीवन में विकास की इच्छा रखते है तब आलस्य त्यागकर उधम को प्रेरित हों |
- रामप्रवेश की जीवन पर प्रकाश डाले ?
उत्तर – रामप्रवेश राम का जन्म बिहार राज्य अंतर्गत भीखन टोला नामक गाँव में हुआ था | वे पुस्तकालय में अनेक पुस्तको का अध्ययन किया करते थे | वे अध्ययन को क्षात्रो की पूजा मानते थे | अपने परिश्रम के परिणाम स्वरूप केन्द्रीय प्रशासनिक परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर वे सफल रहे |
- व्याघ्र पथिक कथा पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर – व्याघ्र पथिक कथा पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती
है की मनुष्य को लोभ से आक्रुष्ट नही होना चाहिए तथा कदापि प्रलोभन के चक्कर में नही पड़ना चाहिए
- विश्वशांति पाठ का मुख्य उदेश्य क्या है ?
उत्तर – विश्वशांति पाठ का मुख्य उदेश्य यह है की शांति से ही विश्व का कल्याण होगा , द्वेष असिष्णुता , अविश्वास , असंतोष , स्वार्थी आदि अनेक अवगुणों के कारन इस समय संसार में अशांति है | शांति भारतीय दर्शन का मूल तत्व माना जाता है | इस पाठ का उदेश्य दया , परोपकार , मित्रता भाव से शांति स्थापित करना है
- भारत महिमा पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है ?
उत्तर – भारत महिमा पाठ से हमें यह संदेश मिलता है की हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए | हम भारतीय को हरि की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है | साथ-ही साथ मोक्ष की प्राप्ति का का भी अवसर भी प्राप्त हुआ है | हमें सच्चा देश भक्त भी होना चाहिए और एनी भारतीय से मिलजुलकर एवम् प्रेम पूर्वक रहना चाहिए |
- कर्ण की दानवीरता का वर्णन करे ?
उत्तर- कर्ण की दानवीरता जगत प्रसिद्ध है | क्योकि उसने अभेद कवच और कुंडल भी इंद को दान में दे दिया | कर्ण जानता था की जब तक उसके पास कवच और कुंडल विधमान है , तब तक उसका कोई कुछ भी नही बिगाड़ सकता है | कर्ण को यह आभास हो गया की कृष्ण ने इंद्र के माध्यम से कवच और कुंडल माँगा है | कृष्ण चाहते थे की पांडवो की विजयी हो | यह जानते हुए भी कवच और कुंडल को दान किया | इसलिए उसकी दानवीरता विश्वप्रसिद्ध है |
- महात्मा बुद्ध के अनुसार वैर की शांति कैसे संभव है ?
उत्तर – महात्मा बुद्ध के अनुसार वैर की भावना को मित्रता , दया के द्वारा शांति संभव है |
- आलस कथा पाठ में धूर्तो की पहचान कैसे हुई ?
उत्तर – आलसी लोगो के सुख को देखकर धूर्त लोग भी छल से भोजन प्राप्त करने लगे | धूर्त लोगो की पहचान के लिए सोये हुए आलसियों के घर में आग लगा दी गई | धूर्त लोग घर में लगे आग को देखकर भाग जाते है |
- भगवान् बुद्ध के पाटलिपुत्र सम्बन्धी विचारो पर प्रकाश डाले ?
उत्तर – भगवान् बुद्ध ने पाटलिग्राम के बारे में कहा था की यह गाँव महानगर होगा | लेकिन यह नगर परस्पर लड़ाई , आग और बाढ़ के भय से सदैव पीड़ित होता रहेगा | कालांतर में पाटलिग्राम को ही पटना कहा जाने लगा | बुद्ध की कही गई यह बातें सत्य हो रही है |
- स्वामी दयानंद समाजसुधारक थे कैसे ? हिंदी में पांच वाक्यों में उत्तर दे ?
उत्तर – स्वामी दयानंद ने समाज की कुरीतियों को दूर कर सुधारात्मक कार्य किया | इन्होने जातिवाद की विषमताओ को हटाया | छुआ छुत की परम्परा को दूर किया गया | स्त्रियों की दुर्दशा को रोका | स्त्री शिक्षा को बढ़ावा दिया और विधवा स्थिति को सुधारा |
- संस्कृत साहित्य में महिलाओ के योगदान का वर्णन करे ?
उतर .सामाजिक रूपी गाड़ी पुरषों एवं स्त्रियों के द्वारा चलती है | संस्कृत साहित्य में प्राचीन काल से ही साहित्य समुदि में स्त्रियों की भूमिका सराहनीय है |वैदिक युग में मंत्रो के वाचक न केवल ऋषि अपितु ऋषिकाए भी है | यमी. अपाला. इन्द्राणी उर्वर्शी उर्वर्शी एवं मैत्रेयी स्त्रियों के मार्गदर्शन आज के जज वल्मान्य नक्षत्र के भांति विद्यमान है |