science vvi subjective question class 10th 2020

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[SCIENCE SUBJECTIVE QUESTION ]

vvi subjective question for matric exam  

[1]. प्रकाश क्या है ?

उत्तर – प्रकाश वह एक माध्यम है जिसके द्वारा हमें किसी वास्तु को देखने की अनुभूति होती है

दुसरे शब्दों में प्रकाश को एक प्रकार की उर्जा भी कहते है | प्रकाश एक चुम्बकीय तरंग भी है जिसकी चाल निर्वात में ……….. होता है प्रकाश सीधी रेखा में गमन करती है जिसकी प्रकृति अनुप्रस्थ होती है |

 

[2]. प्रकाश का परावर्तन के नियम लिखे ?

उत्तर – प्रकाश के परावर्तन के दो नियम होते है

(a)- आपतित किरण परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलम्ब तीनो एक ही तल में होते है

(b) आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होते है

अर्थात sin I = sinr

 

[3]. प्रतिबिम्ब किसे कहते है ? ये कितने प्रकार के होते है ?

उत्तर – दर्पण के मुख्य अक्ष के सामानांतर आपतित प्रकाश की किरने दर्पण से परावर्तन के बाद जिस  बिंदु पर कटती है या कटती हुई मालूम पड़ती है | उस बिंदु पर बस्तु के समान बने आकृति को प्रतिबिम्ब कहते है

ये दो प्रकार के होते है |

 

(a) – वास्तविक प्रतिबिम्ब (real image )

(b) – काल्पनिक प्रतिबिम्ब (virtual image )

[4].वास्तिक प्रतिबिम्ब और काल्पनिक प्रतिबिम्ब में अंतर स्पस्ट करे ?

उत्तर – वास्तविक प्रतिबिम्ब और काल्पनिक में प्रमुख अंतर निम्न्लिखित है ;

(a) वास्तविक प्रतिबिम्ब वास्तविक रेखाओ के कटने से बनता है जबकि काल्पनिक प्रतिबिम्ब काल्पनिक रेखाओ के कटने से बनता है

(b) वास्तविक प्रतिबिम्ब उल्टा होता है जबकि काल्पनिक प्रतिबिम्ब सीधा होता है

(c) वास्तविक प्रतिबिम्ब को परदे पर लिया जा सकता है जबकि काल्पनिक प्रतिबिम्ब को परदे पर नही लिया जा सकता

(d) वास्तविक प्रतिबिम्ब दर्पण के बाई ओर बता है जबकि काल्पनिक प्रतिबिम्ब दर्पण के दाई ओर बनता है

 

[5]. अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण कहते है क्यों?

उत्तर – अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित प्रकाश की किरने दर्पण से परावर्तन के बाद मुख्य फोकस से गुजरती है यही कारण है की अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण कहते है

 

[6]. उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण कहते है क्यों ?

उत्तर – उत्तल दर्पण के मुख्य अक्ष के सामानांतर आपतित प्रकाश की किरने देपन से परावर्तन के बाद मुख्य फोकस से नही गुजरती है यही कारण है की उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण कहते है

 

[7]. अवतल दर्पण का उपयोग लिखे ?

उत्तर – उत्तल दर्पण के प्रमुख उपयोग निम्लिखित है

(a) अवतल  दर्पण का उपयोग हजामती दर्पण के रूप में किया जाता है

(b) अवतल दर्पण का उपयोग डाक्टर द्वारा रोगियो के नाक – कान और गले की जाँच में किया जाता है

(c) अवतल दर्पण का उपयोग सोलर कुकर में किया जाता है

(d) अवतल दर्पण का उपयोग मोटर कार के अग्र छिपो टार्च औए टेबुल लेम्फ़ में किया जाता है

 

[8]. दृष्टी दोष क्या है ? ये कितने प्रकार के होते है ?

उत्तर – जब किसी कारण वश नेत्र लेंस निकट या दूर स्थित वस्तुओ का स्पस्ट प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाने की छमता को खो देता है | उसे दृष्टी दोष कहते है

ये चार प्रकार के होते है

(a) दृग दृष्टी दोष

(b) निकट दृष्टी दोष

(c) जरा दृष्टी दोष

(d) अबिदुकता

[9]. तारे क्यों टिमटिमाते है ?

उत्तर – तारो से निकलने वाली प्रकाश जब वायुमंडल के विभिन्न घनत्व वाली परतो से गुजरता है तो उसकी तीव्रता कभी बढ़ जाती है तो कभी घट जाती है यही कारण है की तारे टिमटिमाते हुए मालूम पड़ते है

 

[10]. बिभव क्या है ? इसका si मात्रक लिखे

उत्तर – एकांक धन आवेश के अंत से किसी निश्चित बिंदु तक लेन में किए गए कार्य को बिभव कहते है | इसका si मात्रक वोल्ट होता है इसे v द्वारा निरुपित किया जाता है

[11]. विधुत उर्जा क्या है?इसका SI मात्रक लिखे उतर –विधुतिए उर्जा कार्य को विधुत उर्जा कहते है |इसका SI मात्रक जुल होता है |किंतु व्योसयिक मात्रक किलो वाट घंटा(KWH)होता है |

[12].बिजली के स्त्री (आयरन )का वर्णन करे ?

उतर –बिजली के स्त्री में उसके दोनों सिरों के बिच में एक nycrom तार की बनी कुंडली होती है |इसे लोहा के दो सतहो के बिच करना चाहता है |जब कुंडली में धरा पर्वाहित की जाती है| तो वह गर्म हो कर लोहे को गर्म कर देती है जिससे कपडे पर स्त्री की जाती है |

[13].एक एम्पीयर क्या है ?

उतर  –जब किसी चालक से एक सेकंड में एक कुलम्ब आवेस पर्वाहित होती है |तो उस चालक से पर्वाहित धारा एक एम्पीयर कहलाती है |अर्थात एक एम्पीयर = एक कुलम्ब/एक सेकंड

[14].प्रत्यावर्ती धारा dynamo और दिस्त धारा dynamo में अंतर लिखे ?

उतर –(1) प्रत्यावर्ती धारा dynamo  में आर्मेचर की कुंडली दो सर्पी सतहो से जुड़े होते है |जबकि दिस्त धारा dynamo के आर्मेचर एक विभक्त वलय से जुड़े होते है |

(2) प्रत्यावर्ती धारा dynamo  द्वार उत्पन्न धारा आवर्त रूप से बदलती हुई दिशाओ में चलती है  |जबकि दिस्त धारा dynamoद्वारा उत्पन्न धारा सीधी दिशाओ में चलती है |

[15]. प्रत्यावर्ती धारा के लाभ बताये ?

उतर – प्रत्यावर्ती धारा के लाभ निम्नलिखित है |

(1) प्रत्यावर्ती धारा द्वारा बड़े बड़े यंत्र चलाये जाते है |

(2) प्रत्यावर्ती धारा के विधुत वाहक बल को दबा कर दूर तक भेजा जा सकता है |

(3) प्रत्यावर्ती धारा अत्यधिक खतरनाक होता है |

[16].भुसम्पर्क तार के क्या कार्य है ?

उतर -.जब किसी कारण वस विधुत परिपथ में विधुत धारा का प्रवाह बढ़ जाता है | तो भूतार के द्वारा जमीं के अन्दर चला जाता है |जिससे परिपथ में लगे उपकरण बर्बाद होने से बच जाते है |तथा घरो में आग नहीं लगती है |

[17]. लेंज का नियम क्या है ?

उतर –जब विधुत चुम्बकीय प्रेरण द्वारा परिपथ में धारा उत्पन्न होती है तो उसकी दिसा ऐसे होती है जो उस कारण का ही बिरोध करती है |जिससे वह उत्पन्न होती है |इसे लेंज का नियम कहते है |

[18].चुम्बक किसे कहते है ?

उतर –वैसे पदार्थ जो इस्पात ,लोहा और निकेल को अपनी ओर खिचे | उसे चुम्बक कहते है |चुम्बक की यह खूबी होती है की ,यदि उसे धागा से बांध कर लाका दिया जाय तो उसका एक-एक सिरा उतर –दक्षिण दिशा की ओर आ कर रुक जाती है |

[19].स्थाई चुम्बक और विधुत चुम्बक में अंतर लिखे ?

उतर –स्थाई चुम्बक और विधुत चुम्बक में निम्नलिखित अंतर है |

(1)विधुत चुम्बक एक अस्थाई चुम्बक है |जबकि छड चुम्बक एक स्थाई चुम्बक है |

(2)विधुत चुम्बक प्रबल चुम्बकीये बल लगा सकता है | जबकि अस्थाई चुम्बक का आकर्षण बल कमजोर होता है |

(3)विधुत चुम्बक की सकती फेरो की संख्या पर निर्भर करती है |जबकि अस्थाई चुम्बक की शक्ति निश्चित रहती है |

[20]. चुम्बकीय फ्लक्स क्या है इसका si मात्रक लिखे ?

उतर –समतल सतह पर चुम्बकीय क्षेत्र के अभिलम्बवत तथा सतह के क्षेत्र के गुणनफल को चुम्बकीय फलक्स कहते है |इसका si मात्रक वेवर होता है |जिसे फाई के द्वारा निरुपित किया जाता है

[21].चुम्बकीय तथा अचुम्बकीय पदार्थ क्या है ?

उतर –चुम्बकीय पदार्थ -वैसे पदार्थ जो चुम्बक की ओर आकर्षित होते है उसे चुम्बकीय पदार्थ कहते है

जैसे- निकेल ,कोबाल्ट ,लोहा इत्यादि

अचुम्बकीय पदार्थ –वैसे पदार्थ जो चुम्बक की ओर आकर्षित नहीं होते है उसे अचुम्बकीय पदार्थ कहते है |

जैसे –पलास्टिक ,रबर .कागज इत्यादि

[22].अन्तरिक्ष यात्री को आकाश का रंग काला क्यों दिखाई देता है ?

उतर –जब अन्तरिक्ष यात्री अन्तरिक्ष में जाते है तो वाहा कोई भी कण न होने के कारण प्रकाश का अपवर्तन नहीं होता है |जिसके कारण अन्तरिक्ष यात्री को आकाश का रंग काला दिखाई देता है |

[23].सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल दिखाई देता है क्यों ?

जब सूर्य धरती के क्षितिज के समीप रहता है तो उससे निकलने वाली प्रकश के वर्णों को अधिक दुरी तय करनी पड़ती है |जिसके कारण कम तरंग दैर्ध वाले प्रकाश के वर्णों का प्रकीर्णन हो जाता है |किंतु लाल वर्ण का प्रकीर्णन कम होता है | यही करण है की सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल दिखाई देता है |

[24].टिंडल प्रभाव क्या है ?

उतर –पोलायडी विलियन के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन को टिंडल प्रभाव कहते है | टिंडल प्रभाव के कारण प्रकाश का मार्ग दिखाई पड़ता है

[25]. वायुमंडलिय अपवर्तन से आप क्या समझते है

उत्तर – वायुमंडल का घनत्व भिन्न भिन्न प्रकार के होते है | पृथ्वी के समीप वाले वायुमंडल का घनत्व सबसे अधिक होता है और उचाई बढ़ने के साथ साथ वायुमंडल का घनत्व घटते जाता है जब प्रकाश वायुमंडल के विभिन्न घनत्व वाली परतो से गुजरता है तो उसके दिशा में होने वाले परिवर्तन को वायुमंडलीय अपवर्तन कहते है

[26] अमीबा में पोषण क्रिया को समझावे ?

उत्तर – अमीबा एक कोशकीय जिव है | जो कुटपाद  के द्वारा भोजन को घेर कर कर खाद्धानी में ले जाता है | जिसमे उपस्थित एंजाइम भोजन का पाचन करता है | और अनपचा भोजन कोशिका के सतह से चिपक जाता है और पुनः बहार निकल जाता है

[27]. पोषण जीवो के लिय क्यों आवश्यक है ?

उत्तर – समस्त जैविक क्रियाओं का संचालन कोशिका की टूट फुट की मरमत वृद्धि एवं विकाश हेतु उर्जा की आवश्यकता होती है और यह पोषण प्रक्रम द्वारा प्राप्त भोजन द्वारा पूरा होती है यही कारण है की पोषण जीवो के लिय आवश्यक है

 

 

 

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