प्रश्न 1. कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि एक बिम्ब की रचना करता है। उसे स्पष्ट कीजिए।
उत्तर–कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि बीज के माध्यम से एक बिंब की योजना की है कि किस प्रकार बीज मिट्टी, पानी, धूप तथा हवा का संपर्क पाकर पेड़ का रूप धारण कर लेता है। तात्पर्य कि शून्यावस्था में व्यक्ति के मानस में कल्पना रूपी बीज जब बाह्य जगत से सान्निध्य स्थापित करता है, तो वही कल्पना काव्य का रूप धारण कर लेती है। कवि ने बीज के द्वारा काव्य-कला की उद्भावना का बिंब प्रस्तुत किया है।
प्रश्न 2. मक्खी के जीवन-क्रम का कवि द्वारा उल्लेख किए जाने का क्या आशय है?
उत्तर-कवि ने मक्खी के जीवन-क्रम द्वारा यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि जिस प्रकार मक्खी का जीवन अति तुच्छ होता है, उसी प्रकार गरीब जनता का जीवन निकृष्ट होता है। गरीबी में जन्म लेने वाले कुछ गरीब या तो अपनी दीनता के कारण दम तोड़ देते हैं अथवा अत्याचारियों के विरुद्ध आवाज उठाने के कारण दंगे में मारे गए या आगजनी अथवा बमबारी में प्राण त्याग दिए। कवि के कहने का आशय यह है कि निरीह जनता ही अत्याचारियों के जुल्म का शिकार होती है। इनके जीवन का मूल्य मक्खी के समान होता है।
प्रश्न 3. कवि गरीब बस्तियों का उल्लेख क्यों करता है?
उत्तर -कवि का कहना है कि गरीब भीरु होता हैं। इसी भीरुता के कारण उसने मान से लिया है कि गरीब या अमीर होना ईश्वर की कृपा पर निर्भर करता है। ईश्वर ने जिसे अमीर बनाया है, वह उसके सौभाग्य का फल है। उसी प्रकार गरीब होना भी निश्चित है। वे अत्याचारियों के विरोध के बदले देवी का जागरण पूर्ण उत्साह के साथ करते है, लेकिन अपने पर अत्याचार ढाने वालों के जुल्म का प्रतीकार नहीं करते है। कवि ने गरीब बस्तियों का उल्लेख कर, यह स्पष्ट करना चाहा है कि अज्ञानता के अंधकार में डूबा व्यक्ति अपने अधिकार से अनजान होता है। इसी से वह शोषण का शिकार होता है और हर जुल्म को ईश्वर का विधान मानकर सहन करता रहता है
प्रश्न 4. कवि किन अत्याचारियों का और क्यों जिक्र करता है ?
उत्तर-कवि उन अत्याचारियों का जिक्र किया है जो सुविधाभोगी, आराम पसंद जीवन जीने के लिए सुख-भोग के सारे साधनों का संग्रह करने के बावजूद अपनी शोषण- प्रवृत्ति का त्याग करना नहीं चाहते। कवि ने इन अत्याचारियों के माध्यम से देश के नेता, अधिकारी-पदाधिकारी आदि की ओर संकेत किया है कि ये भोली-भाली जनता की सज्जनता का नाजायज लाभ उठाते हैं। ये किसी भी प्रकार से धनार्जन करके एक- दूसरे से आगे निकलने के लिए व्यग्र रहते है। जनता अपनी जान देकर आर्थिक विकास में संलग्न रहती हैं और उच्च पद पर बैठे सत्ताधारी गरीबों का हक डकार मौज मनाते हैं।
प्रश्न 5. इनकार करना न भूलने वाले कौन हैं.? कवि का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-इनकार करना न भूलने वाले आराम पसंद जीवन जीने वाले देश के शोषक वर्ग है जो हर कीमत पर अपना प्रभुत्व कायम रखने के लिए अपने हठी स्वभाव में परिवर्तन न लाने का इनकार करना नहीं भूलते। इन अत्याचारियों का उद्देश्य गरीबों का शोषण करना होता है। इन्हें सामाजिक विकास की कोई चिन्ता नहीं होती। ये हर कीमत पर अपना विकास चाहते हैं। देश की समस्या सुलझाने के प्रश्न पर इनकार करना नहीं भूलते तो गरीब जनता भी इन अत्याचारियों के विरुद्ध आवाज बुलंद करने के बजाय जुल्म सहती रहती है लेकिन विरोध करने से इनकार करना नहीं भूलती।
प्रश्न 6. कविता के शीर्षक की सार्थकता पर विचार कीजिए।
उत्तर–प्रस्तुत कविता सुविधाभोगी आरामपसंद जीवन अथवा हमारी बेपरवाहियों के बाहर विपरीत परिस्थितियों से लगातार लड़ते हुए बढ़ते जानेवाले जीवन का चित्रण करती है। कवि ने कविता का शीर्षक ‘हमारी नींद’ के माध्यम से जनता की अज्ञानता को उजागर करने का प्रयास किया है। कवि का मानना है कि रूढ़िवादी विचार के कारण ही
जनता अत्याचारियों के जुल्म का विरोध नहीं कर पाती। इस जागृति के लिए कवियों को अपना मौन त्यागकर जनता में नव-चेतना का संचार करना चाहिए, क्योंकि अत्याचारी तभी तक अत्याचार करते हैं जब तक उनके दुश्चक्र का पर्दाफाश नहीं हो जाता। अतः कविता का शीर्षक ‘हमारी नीद’ परिस्थिति के अनुकूल एवं सार्थक है, क्योंकि कवि का उद्देश्य समसामयिक वस्तु-स्थिति का चित्रण करना है।