तत्वों का आवर्त वर्गीकरण | class 10th science vvi subjective question for matric board exam 2021 |

10th Science Question

1. आधूनिक आवर्त नियम क्या है ?

उत्तर – आधूनिक आवर्त नियम का प्रतिपादन हेनरी मोसले महोदय ने किया इस नियम के अनुसार तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके परमाणु संख्या के आवर्त फलां होते है | आधुनिक आवर सरणी में 7 आवर्त तथा 18 वर्ग होते है |


2. मेंडलीफ के आवर्त सारणी के दोषों को लिखे ?

उत्तर – मेंडलीफ के आवर्त सारणी के प्रमुख दोषों निम्न्लिखित है :-

i. मेंडलीफ के आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान विवाद पूर्ण है |

ii. मेंडलीफ के आवर्त सारणी में अधिक परमाणु वाले तत्व को कम परमाणु भार वाले तत्व के पहले रखा गया है

iii. मेंडलीफ के आवर्त सारणी में स्थानिको के लिय कोई स्थान निर्धारित नही है |

iv. मेंडलीफ के आवर्त सारणी में समान तत्व को अलग-अलग वर्गों में रखा गया है |

v. मेंडलीफ के आवर्त सारणी में आठवे वर्ग में तीन – तीन तत्व को एक साथ रखा गया है |


प्रश्न 3. Li+ और Na+ में से किस आयन का आकार अधिक है और क्यों?

उत्तर-Li+ आयन का अर्द्धव्यास छोटा होगा। परमाणु अर्द्धव्यास वर्ग के नीचे की ओर बढ़ता है। क्योंकि धनायन का अर्द्धव्यास परमाणु पर निर्भर करता है, इसलिए अनायन के अर्द्धव्यास की वर्ग में वृद्धि होती है। इसलिए Li+ आयन का अर्द्धव्यास कम होगा।


प्रश्न 4. आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों के व्यवस्थापन का क्या आधार ? आवर्त सारणी में बायें से दायें जाने पर तत्वों का गुण किस तरह बदलता है?

उत्तर-आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों का व्यवस्थापन परमाणु क्रमांक पर आधारित है। आवर्त सारणी में बायें से दायें तरफ चलने पर तत्वों का धात्विक एवं वैद्युत धनात्मक गुण घटता जाता है।


प्रश्न 5 . दूसरे आवर्त में सोडियम (Na) से क्लोरिन (Cl) की ओर बढ़ने पर परमाणु की त्रिज्या क्यों घटती जाती है ? 

उत्तर-दूसरे आवर्त में सोडियम से क्लोरिन की ओर बढ़ने पर परमाणु त्रिज्या घटती है। ऐसा इसलिए होता है कि नाभिक पर आवेश बढ़ने के कारण नाभिक, इलेक्ट्रॉनों को अपनी तरफ अधिक बल से आकर्षित करते हैं।


प्रश्न 6. (a) वर्ग 13 के दो तत्त्वों के नाम लिखें।

उत्तर-(a) बोरॉन (B)

(B) एल्युमीनियम (AI).


प्रश्न 7. न्यूलैंड के अष्टक सिद्धांत की क्या सीमाएँ हैं ?

उत्तर-न्यूलैंड के अष्टक सिद्धांत की सीमाएँ हैं-

(i) अष्टक का सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागू होता था, क्योंकि कैल्सियम के बाद प्रत्येक आठवें तत्त्व का गुणधर्म पहले तत्त्व से नहीं मिलता।

(ii) बाद में कई नये तत्त्व पाए गये जिनके गुणधर्म अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे।

(iii) अपनी सारणी में इन तत्त्वों को समंजित करने के लिए न्यूलैंड ने दो तत्त्वों को एक साथ रख दिया और कुछ असमान तत्त्वों को एक स्थान में रख दिया।
उदाहरण-कोबाल्ट तथा निकेल एक साथ हैं तथा इन्हें एक साथ उसी स्तम्भ में रखा गया है जिसमें फ्लुओरीन, क्लोरीन एवं ब्रोमीन हैं यद्यपि इनके गुणधर्म उन दोनों तत्त्वों से भिन्न हैं। आयरन को कोबाल्ट एवं निकेल से दूर रखा गया है जबकि उनके गुणधर्मों में समानता होती है।


प्रश्न 8. (a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम, ये सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्त्वों के परमाणुओं में कोई समानता है?

(b हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है। इनके परमाणुओं में कोई समानता है ?

उत्तर-(a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम धातुओं के बाह्यतम कक्षा में केवल एक इलेक्ट्रॉन है।

(b) इन दोनों तत्त्वों की बाह्यतम कक्षा पूर्णतः इलेक्ट्रॉनों से भरी है।


प्रश्न 9. तत्त्वों के आवर्त वर्गीकरण के लिए परमाणु द्रव्यमान संख्या की अपेक्षा परमाणु संख्या को उत्तम आधार क्यों माना गया है ?

उत्तर-तत्त्व का परमाणु द्रव्यमान नाभिक के कारण है। नाभिक तत्त्व के केन्द्र में स्थित है। इसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन हैं, जिनका पुंज होता है। तत्त्व का नाभिक गुणों की व्याख्या नहीं करता। वास्तव में तत्त्वों के गुण इलेक्ट्रॉनिक वितरण से संबंधित हैं। ज्यों-ज्यों परमाणु संख्या बदलती है वैसे-वैसे इलेक्ट्रॉनिक वितरण भी बदलता जाता है। इसलिए परमाणु तत्त्वों के वर्गीकरण का उत्तम आधार है।


 10. नाइट्रोजन  (परमाणु संख्या 7) तथा फॉस्फोरस (परमाणु संख्या 15 ) आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्व है। इन दोनों तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक  विन्यास लिखिए।इनमें से कौन-सा तत्व अधिक ऋण विद्युत होगा और क्यों ?

उत्तर – N अधिक वैद्युत ऋणात्मक होगा, क्योंकि इसका परमाण्वीय आकार अपेक्षाकृत कम होता है। किसी वर्ग में जब शीर्ष से तल (आधार) की ओर बढ़ते हैं, प्रत्येक शून स्तर पर परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का एक कोश बढ़ता जाता है। इस प्रकार परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन कोशों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जाती है जिसके कारण परमाणुओं परि का आकार भी बढ़ता है। परमाणु के आकार में इस वृद्धि के कारण, उसका नाभिक परमाणु में और अन्दर चला जाता है। आने वाले इलेक्ट्रॉन के लिए नाभिक K का आकर्षण कम हो जाता है, जिसके कारण परमाणु आसानी से ऋणायान नहीं बना सकता है और मण विद्युत लक्षण कम होता जाता है।


 11. तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में जबकी स्थिति से क्या संबंध है?

उतर- यदि तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ज्ञात हो तो आवर्त सारणी में उसकी स्थिति को ज्ञात किया जा सकता है, इसके विपरीत यदि आवर्त सारणी में तत्त्व की स्थिति का ज्ञान ह्ये तो उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ज्ञात किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक तत्त्व स्तंभ 3 एवं वर्ग 15 से संबंधित है तथा उसके माइतम संयोजकता कक्ष में इलेक्ट्रॉन की संख्या 5 है क्योंकि यह तत्त्व स्तंभ 3 से संबंधित है, इसलिए इसका बाह्यतम संयोजकता कक्ष M होगा तथा इसका इलेक्ट्रानिक विन्यास होगा!


12 तत्वों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है? आवर्त सारणी वर्ग तथा आवर्त क्या हैं?

उत्तर- तत्वों के गुण उनके परमाणु क्रमाकों के आवर्त फलन होते हैं। जब तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु संख्या के आधार पर रखा जाए तो समान गुणों वाले तल नियमित अंतर के बाद प्रकट होते हैं । इलेक्ट्रॉन विन्यास इसका मूल आधार है

वर्ग: – सारणी में उर्ध्वाधर (खड़े) कालम समूह वर्ग कहलाते हैं।

आवर्त:- आवर्त सारणी में क्षैतिज  कॉलम आवर्त कहलाते हैं।


 

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