1. पाटलिपुत्र शब्द कैसे बना?
इस पोस्ट में क्या हैं
उत्तर- पाटलि ग्राम शब्द से पाटलिपुत्र बना । कुछ प्राचीन संस्कृत ग्रंथों एवं पुराणों में पाटलिपुत्र का दूसरा नाम पुष्पपुर, कुसुमपुर प्राप्त होता है।
2 सिख संप्रदाय के लोगों के लिए पटना नगर क्यों महत्त्वपूर्ण है?
अथवा, पटना का गुरुद्वारा, किसके लिये और क्यों प्रसिद्ध है ? (तीन वाक्यों में उत्तर दें।)
उत्तर-सिख संप्रदाय के लोगों के लिए प्राचीन पटना नगर में पूजनीय स्थल अवस्थित है। यहाँ उनके दसवें गुरु गोविंद सिंहजी का जन्म स्थान है। यह स्थल गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है।
3. कवि दामोदर गुप्त के अनुसार पाटलिपुत्र कैसा नगर है ?
उतर-कवि दामोदर गुप्त के अनुसार पाटलिपुत्र (पटना) महानगर पृथ्वी पर बसे नगरों में श्रेष्ठ है। यहाँ सरस्वती के वंशज यानी विद्वान लोग वसते हैं। कवि ने इस महानगर की तुलना इन्द्र की भरी-पूरी नगरी से की है।
4. चंद्रगुप्त मौर्य तथा अशोक के समय पाटलिपुत्र कैसा नगर था?
उतर- चन्द्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र की रक्षा-व्यवस्था काफी मजबूत थी। यह सुंदर नगर था। अशोक के शासनकाल में इस नगर का वैभव और अधिक समृद्ध हुआ।
5. पाटलिपुत्र के प्राचीन महोत्सव का वर्णन करें।
उत्तर- पाटलिपुत्र में शरतकाल में कौमुदी महोत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता था। सभी नगरवासी आनंदमग्न हो जाते थे। इस समारोह का विशेष प्रचलन गुप्तवंश के शासनकाल में था। आजकल जिस तरह दुर्गापूजा मनाई जाती है, उसी प्रकार प्राचीनकाल में कौमुदी महोत्सव मनाया जाता था।
6. प्राचीन पाटलिपुत्र में शिक्षा के संबंध में लेखक की यया विचार है?
उत्तर- प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बताया है कि दामोदर नामक कवि से हमें जानकारी मिलती है कि सरस्वती के वंशज यहाँ रहते थे। राजशेखर कवि के अनुसार पाणिनी, पिंगल, वररुचि आदि महान विद्वानों की परीक्षा यहाँ ली जाती थी। इससे ज्ञात होता है कि प्राचीन पाटलिपुत्र शिक्षा का एक महान केंद्र था।
7. पाटलिपुत्र को शिक्षा का प्राचीन केंद्र क्यों माना जाता है?
उत्तर-राजशेखर-रचित काव्यमीमांसा ‘काव्य’ से हमें जानकारी मिलती है कि पाटलिपुत्र शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र था। यहाँ संस्कृत के अनेक विद्वान हुए। पाणिनी, पिङ्गल, वररुचि तथा पतञ्जलि की परीक्षा यहीं ली गई थी और यही उन्होंने ख्याति प्राप्त की थी।
8. भगवान् बुद्ध ने पाटलिपुत्रग्राम के बारे में क्या कहा था ?
उत्तर- भगवान् बुद्ध प्राचीन काल में अनेक बार पाटलि ग्राम आये थे। यहाँ आकर इस गाँव के महत्त्व को बढ़ाया था और उसी समय उन्होंने कहा था-‘यह गाँव कालान्तर में एक दिन महानगर होगा, परन्तु इस नगर को आग, पानी और युद्ध का भय सदा बना रहेगा।
9. प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में पाटलिपुत्र की ख्याति किस रूप में थी?
उत्तर-प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में और पुराणों में पाटलिपुत्र का नाम पुष्पपुर या कुसुमपुर माना जाता है। इस नगर के समीप पाटल पुष्पों का उत्पादन होता था। संभवतः पाटलिपुत्र शब्द भी यहाँ पाटल पुष्पों के पल्लवित होने के कारण प्रचारित है। शरत काल में कौमुदी महोत्सव होता था। यह महोत्सव दुर्गापूजा के असवर-सा दृष्टिगत होता था।
10. पाटलिपुत्रवैभवम् पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।
अथवा, ‘पाटलिपुत्रवैभवम’ पाठ के आधार पर पटना के वैभव का वर्णन पाँच वाक्यों में करें।
उत्तर- पाटलिपुत्रवैभवम् पाठ में बिहार की राजधानी पटना के प्राचीन महत्त्व का निरूपण है। ऐतिहासिक परम्परा से आधुनिक राजधानी के प्रसिद्ध स्थलों का निरूपण किया गया है। चन्द्रगुप्त मौर्य के समय यहाँ की शोभा तथा रक्षा व्यवस्था उत्कृष्ट थी। अशोक के समय यहाँ समृद्धि थी। यहाँ बड़े-बड़े कवि, वैयाकरण तथा भाष्यकार परीक्षित हुए और संग्रहालय, गोलघर जैविक उद्यान आदि दर्शनीय स्थल हैं।
11. पाटलिपुत्र नगर के वैभव का वर्णन करें।
उत्तर-पाटलिपुत्र प्राचीनकाल से ही अपने वैभव परम्परा के लिए विख्यात रहा है। विदेशी यूनानी लोगों ने आकर अपने संस्मरणों में यहाँ की अनेक उत्कृष्ट सम्पदाओं का वर्णन किया है। मेगास्थनीज ने लिखा है कि चन्द्रगुप्तमौर्य काल में यहाँ की शोभा और रक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी। अशोक काल में यहाँ निरन्तर समृद्धि रही। कवि राजशेखर ने अपनी रचना काव्यमीमांसा में ऐसी ही बात लिखी है कि यहाँ बड़े-बड़े कवि-वैयाकरण-भाष्यकार परीक्षित हुए। आज पाटलिपुत्र नगर ‘पटना’ नाम से जाना जाता है जहाँ संग्रहालय, गोलघर, जैविक उद्यान इत्यादि दर्शनीय स्थल हैं। इस प्रकार पाटलिपुत्र प्राचीनकाल से आज तक विभिन्न क्षेत्रों में वैभव धारण करता रहा है जिसका संकलित रूप संग्रहालय में देखने योग्य है।
12. लेखक ‘पाटलिपुत्रवैभवम्’ पाठ से हमें क्या संदेश देना चाहते हैं ?
उत्तर-लेखक का कहना है कि प्राचीन काल में पाटलिपुत्र एक महान नगर था, जहाँ शिक्षा, वैभव और समृद्धि थी। मध्यकाल में इसकी स्थिति ठीक नहीं थी। मुगलकाल में इस नगर का पुनः उद्धार हुआ तथा अंग्रेज के शासन काल से लेकर वर्तमान में इस नगर का अत्यधिक विकास हो रहा है।
13. लेखक के विचार में प्राचीन काल से आज तक पाटलिपुत्र किस प्रकार का नगर रहा है?
उत्तर-लेखक के विचार से पाटलिपुत्र नगर प्राचीन काल से लेकर आज तक राजनैतिक, धार्मिक, औद्योगिक और शिक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में वैभव धारण करता रहा है और यहाँ इनका संकलित रूप से दर्शन किया जा सकता यहाँ के लोग कई उत्सव मनाते आए हैं। पाटलिपुत्रवासी पटनदेवी की पूजा करते हैं। पाटलिपुत्र एक महान नगर रहा है।
SANSKRIT (संस्कृत पियुषम भाग – 2 ) OBJECTIVE QUESTION |
1 | मंगलम |
2 | पाटलिपुत्रवैभवम |
3 | अलसकथा |
4 | संस्कृतसाहित्ये लेखिका: |
5 | भारतमहिमा |
6 | भारतीय संस्कारा: |
7 | नितिश्लोका: |
8 | कर्मवीर कथा |
9 | स्वामी दयानंद: |
10 | मन्दाकिनीवर्णम् |
11 | व्यघ्र्पथिक कथा |
12 | कर्णस्य दानवीरता |
13 | विश्वशांति |
14 | शास्त्रकारा |